Wednesday, May 02, 2012

उत्तराखंड की ओर- भाग तीन

 यदि हमें पता लग जाये की ठीक एक साल बाद हमारी मृत्यु हो जायेगी तो हम क्या करेंगे?? जिंदगी को भय युक्त होकर या गुजारेंगे या मजे से जियेंगे? इस पर सबका अपना-अपना अलग नजरिया हो सकता है। जहाँ तक मेरा नजरिया है कि जीवन को आनंद और उल्लास से पूरा किया जाये क्योंकि मृत्यु एक साल बाद नहीं तो दस साल या पचास साल बाद तो निश्चित है ही। जीवन की भागदौड़ में हम इतने उलझ जाते हैं कि अहसास ही नहीं रहता कि मुट्ठी में रेत की तरह वक्त फिसलता जा रहा है और समय के द्वारा बुढ़ापे की ओर धकेल दिए जाते हैं । अंत में एक गन्दी सी मौत का इंतजार करते हुए दुनिया से अलविदा हो जाते हैं। जैसे -जैसे ये अहसास मेरे जहन में समाता जा रहा है , मैं अपने जीवन को सिरे से व्यवस्थित करने का प्रयास कर रहा हूँ । मैं जीवन में सुख नहीं, आनंद चाहता हूँ और आनंद ..................
बहती नदी का शोर


धुली -धुली सी सुबह
.............रुद्रप्रयाग की वो धुली -धुली सी सुबह और लॉज के पास से बहती नदी का शोर ऐसा लग रहा था जैसे कोई संगीत के स्वर हों। मैं नीरज से पहले सो कर उठ गया था और नित्य क्रिया के बाद इंतजार कर रहा था कि नीरज उठे और चाय पीई जाये । रुद्रप्रयाग को अपने कैमरे मैं कैद करने के बाद हम नन्दप्रयाग की ओर चल दिए। सड़क से ही 'नंदाकिनी' और 'अलकनंदा' दिखाई दे रही थी और दिखाई दे रहा था उनका संगम !! संगम का अटपटी जगह होने से नहाने के लिए हमने नंदाकिनी को चुना । शांत और स्वच्छ नंदाकिनी में नहाने लायक जगह चुनी गई । नीरज भाई थैली में अंगूर धोने में व्यस्त थे और मैं सोच रहा था कि कब पानी में कूदूं । नदी में बहता साफ़ पानी और मस्ती के लिए समय हो तो और क्या चाहिये? 

बहता साफ़ पानी और मस्ती के लिए समय हो तो और क्या चाहिये
नंदाकिनी में जम के कूदे और नहाये !! आनंद ही आनंद!!जिस आनंद और शांति के लिए लोग करोड़ों खर्च करने को तैयार हैं और ठग बाबाओं के चक्कर लग़ाते हैं, वो हमें मुफ्त में ही मिल रहा था!! आनंद के सागर में गोते लगाने के बाद हम लोग चमोली गए और चमोली से सीधे जोशीमठ की जीप पकड़ ली ! कई एक जगह ठंडी हवा ने शारीर को छुआ,नमी के अहसास से लगा की बारिश हुई है और ये अहसास सही था .....

....तथा बारिश का नतीजा?? पहली बार जीवन में 'लैंड स्लाइड 'देखा और देखा कि खाई के लगभग मुहाने पर एक जीप वाला तथा कुछ लोग एक फंसी हुई जीप को निकालने की जद्दोजहद कर रहे थे । और मैंने जब खाई में झांककर देखा तो एक सिहरन सी शरीर में उतरती चली गई। नीचे खाई में सब्जी का एक छोटा ट्रक छितराया पड़ा था।

खाई में सब्जी का एक छोटा ट्रक छितराया पड़ा था।
जहाँ से ट्रक फिसला था ठीक उसी जगह वो जीप भी फंसी हुई थी । आखिरकार सबके सामुहिक प्रयासों और हमारी दुआओं से फंसी हुई जीप निकल गई और जोशीमठ का रास्ता खुल गया । रात घिरते -घिरते हम लोग जोशीमठ पहुँच गए कमरा लिया और सारे उपकरण चार्ज पर लगा कर हम लोग भी निद्रा देवी की गोद में चले गए।

अगले दिन औली जाने के प्लान के साथ .....
क्रमशः ............

8 comments:

  1. vidhan ji aapne sahi kaha mirityu ak atal sachaai hai or ham duniyadari ke chakkar me esko bhul jate hain.Bhagwan ne hame jo anmol jeewan diya hai ese hame sukhmayi or aanandmayi tarike se jeena chahiye .
    khubsurat yatra ke sath-sath khubsurat sandesh bhi.
    ........dhanyawad.........

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  2. vidhan ji aapne sahi kaha mirityu ak atal sachaai hai or ham duniyadari ke chakkar me esko bhul jate hain.Bhagwan ne hame jo anmol jeewan diya hai ese hame sukhmayi or aanandmayi tarike se jeena chahiye .
    khubsurat yatra ke sath-sath khubsurat sandesh bhi.
    ........dhanyawad.........

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  3. vidhan ji aapne sahi kaha mirityu ak atal sachaai hai or ham duniyadari ke chakkar me esko bhul jate hain.Bhagwan ne hame jo anmol jeewan diya hai ese hame sukhmayi or aanandmayi tarike se jeena chahiye .
    khubsurat yatra ke sath-sath khubsurat sandesh bhi.
    ........dhanyawad.........

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  4. vidhan ji aapne sahi kaha mirityu ak atal sachaai hai or ham duniyadari ke chakkar me esko bhul jate hain.Bhagwan ne hame jo anmol jeewan diya hai ese hame sukhmayi or aanandmayi tarike se jeena chahiye .
    khubsurat yatra ke sath-sath khubsurat sandesh bhi.
    ........dhanyawad.........

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  5. !! आनंद ही आनंद!! जिस आनंद और शांति के लिए लोग करोड़ों खर्च करने को तैयार हैं और ठग बाबाओं के चक्कर लग़ाते हैं, वो हमें मुफ्त में ही मिल रहा था!!

    yahi to ek cheez hai jiskee bajah se ek baar pahadon main jaane ke baaad baar baar jaane ka man karta hai srimaan ...........

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  6. vidhan ji maine to ak baar hi com. kiya tha ye 4 baar kaise ho gaya maf karna........

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  7. vidhan ji maine to ak baar hi com. kiya tha ye 4 baar kaise ho gaya maf karna........

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  8. vidhan ji maine to ak baar hi com. kiya tha ye 4 baar kaise ho gaya maf karna........

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